मध्य प्रदेश सरकार ने 10वीं -12वीं पास 94 हजार मेधावी छात्रों के लिए बड़ी घोषणा की है। 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक लाने वाले छात्रों को फ्री लैपटॉप के बजाय सीधा ₹25,000 उनके बैंक खातों में भेजे जाएंगे। नई गाइडलाइन जारी हो चुकी है और अब सिर्फ 1 हफ्ते के अंदर डाटा पोर्टल पर अपलोड करना होगा। और पात्र छात्रों के खाते में लैपटॉप की राशि मिल जाएगी।
MP Laptop Yojana 2025?
MP Laptop Yojana 2025 मध्य प्रदेश सरकार की एक पुरानी पहल है, जो हर साल 12वीं कक्षा में अच्छे अंक लाने वाले छात्रों को प्रोत्साहन राशि के रूप में दी देती है। पहले इसमें लैपटॉप वितरित किए जाते थे, लेकिन अब सरकार छात्रों के खाते में सीधे ₹25,000 भेजती है ताकि वे अपनी ज़रूरत और पसंद का लैपटॉप खुद खरीद सकें।
साल 2025 के लिए यह तय किया गया है कि लगभग 94,000 छात्रों को यह लाभ मिलेगा, जिनके 75% या उससे अधिक अंक हैं।
देखें किसे मिलेगा लैपटॉप योजना का फायदा
MP Laptop Yojana में सिर्फ वही छात्र पात्र होंगे जिन्होंने MP Board की 12वीं परीक्षा पहली बार में पास की हो और 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक अर्जित किए हों।
अब सरकारी आदेश के अनुसार, सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को कहा गया है कि वे पात्र छात्रों का डाटा, जिसमें उनका नाम, बैंक अकाउंट नंबर, IFSC कोड और शाखा का नाम शामिल है, 1 सप्ताह के भीतर शिक्षा पोर्टल पर अपडेट करें।
MP Laptop Yojana के लिए ऐसे करें अप्लाई
छात्रों को खुद कुछ नहीं करना, लेकिन उनके अभिभावकों और स्कूल प्रशासन को सतर्क रहना होगा। जिन छात्रों के पास बचत खाता (Saving Account) नहीं है, उन्हें तुरंत खुलवाना चाहिए। इसके अलावा, स्कूल प्रशासन को संबंधित डाटा जल्द-से-जल्द पोर्टल पर डालना है ताकि राशि समय पर जारी हो सके।
लैपटॉप योजना में यह नया बदलाव
सरकार अब लैपटॉप बाँटने की जगह सीधा पैसा देने को प्राथमिकता दे रही है। कारण यह है कि छात्रों की ज़रूरतें अलग-अलग होती हैं—किसी को हाई स्पेस चाहिए, किसी को वीडियो एडिटिंग वाला लैपटॉप चाहिए। इसलिए ₹25,000 सीधे अकाउंट में भेजने से छात्र खुद की जरूरत और बजट के हिसाब से लैपटॉप चुन सकेंगे।
यह तरीका पारदर्शिता और गति दोनों बढ़ाता है, क्योंकि फिज़िकल लैपटॉप वितरण में अकसर देरी और विवाद होते थे।
देखें जनता क्या कहती है?
छात्रों और अभिभावकों ने इस फैसले को सही बताया है। रीवा के छात्र शुभम यादव कहते हैं, “सरकार ने अच्छा किया जो पैसा सीधा दे रही है, अब हम अपनी पसंद का लैपटॉप खरीद सकेंगे।” वहीं कई छात्रों का यह भी कहना है कि अगर प्रक्रिया में पारदर्शिता रही, तो यह बहुत बड़ी राहत साबित होगी।
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हालांकि कुछ लोगों का यह भी मानना है कि गांव के छात्र-छात्राओं को सही गाइडेंस और तकनीकी मदद भी दी जाए, ताकि वे उचित लैपटॉप खरीद सकें और पैसे का गलत उपयोग न हो।
MP Laptop Yojana अब सिर्फ स्कीम नहीं, बल्कि एक स्मार्ट निवेश बन चुकी है। सीधा पैसा देने से छात्रों को तकनीकी रूप से ज्यादा सक्षम बनने का मौका मिलेगा और सरकार का बोझ भी कम होगा। बस जरूरत है इस प्रक्रिया को बिना देरी और भ्रष्टाचार के सुचारु रूप से लागू करने की।
क्या आप इस बदलाव से सहमत हैं? क्या सीधे पैसे भेजना बेहतर विकल्प है फिज़िकल लैपटॉप देने की तुलना में?
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