मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के शिक्षा बोर्डों ने 2025 में छात्रों के लिए एक नई पहल की है। अब, जो छात्र मुख्य परीक्षाओं में असफल हुए हैं या अपने अंकों में सुधार करना चाहते हैं, उन्हें उसी शैक्षणिक वर्ष में दूसरी मुख्य परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। यह कदम छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने और उन्हें एक और मौका देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
MP बोर्ड की दूसरी मुख्य परीक्षा 2025
मध्यप्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (MPBSE) ने 2025 में कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए दूसरी मुख्य परीक्षा की घोषणा की है। यह परीक्षा उन छात्रों के लिए है जो मुख्य परीक्षा में असफल हुए हैं या अपने अंकों में सुधार करना चाहते हैं।
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परीक्षा तिथि: कक्षा 10वीं की परीक्षा 17 जून से 26 जून 2025 तक और कक्षा 12वीं की परीक्षा 17 जून से 5 जुलाई 2025 तक आयोजित की जाएगी।
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परीक्षा समय: सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक।
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पंजीकरण: पंजीकरण प्रक्रिया 7 मई से 31 मई 2025 तक चली थी। छात्रों को MPOnline पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना था।
यह नई व्यवस्था छात्रों को एक ही शैक्षणिक वर्ष में सुधार का मौका देती है, जिससे उन्हें पूरे साल इंतजार नहीं करना पड़ता।
छत्तीसगढ़ बोर्ड की दूसरी मुख्य परीक्षा 2025
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (CGBSE) ने भी कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए दूसरी मुख्य परीक्षा की घोषणा की है।
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पंजीकरण तिथि: आवेदन प्रक्रिया 20 मई 2025 से शुरू हुई थी, जिसमें बिना विलंब शुल्क के 10 जून 2025 तक आवेदन किया जा सकता था। इसके बाद, 11 जून से 20 जून तक सामान्य विलंब शुल्क और 21 जून से 30 जून तक विशेष विलंब शुल्क के साथ आवेदन किया जा सकता था।
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परीक्षा तिथि: परीक्षा की तिथियां जल्द ही आधिकारिक वेबसाइट पर घोषित की जाएंगी।
यह पहल छात्रों को अपने अंकों में सुधार करने और अपने शैक्षणिक वर्ष को बचाने का एक और मौका देती है।
जानें छात्रों के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है
यह नई व्यवस्था छात्रों के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है:
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समय की बचत: छात्रों को पूरे साल इंतजार नहीं करना पड़ता, जिससे उनका एक साल बर्बाद होने से बचता है।
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मानसिक दबाव में कमी: छात्रों को सुधार का एक और मौका मिलने से उनका मानसिक दबाव कम होता है।
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शैक्षणिक निरंतरता: यह व्यवस्था छात्रों को अपनी पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखने में मदद करती है।
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छात्रों और अभिभावकों ने इस नई व्यवस्था का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह कदम छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने में मदद करेगा। शिक्षकों का भी मानना है कि यह व्यवस्था छात्रों को अपनी गलतियों से सीखने और सुधार करने का मौका देती है।
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के शिक्षा बोर्डों की यह नई पहल छात्रों के लिए एक सकारात्मक कदम है। यह उन्हें अपने अंकों में सुधार करने और अपने शैक्षणिक वर्ष को बचाने का एक और मौका देती है। छात्रों को चाहिए कि वे इस अवसर का पूरा लाभ उठाएं और अपनी तैयारी में कोई कसर न छोड़ें।
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