MP Tech Growth Conclave 2.0: मध्य प्रदेश अब सिर्फ “दिल” नहीं, बल्कि डिजिटल इंडिया का भविष्य केंद्र बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। इंदौर में आयोजित ‘MP Tech Growth Conclave 2.0’ में 15,896 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए हैं। जिससे आम जनता को कई फायदे होने वाले है और इन्ही के बारे में हम यहाँ विस्तार से जानेंगे।
अगर ये प्रोजेक्ट ज़मीन पर उतरते हैं, तो प्रदेश के 64,000 युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर बनेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने इस अवसर पर घोषणा की कि मध्य प्रदेश जल्द ही देश की पहली “Space Tech Policy” लेकर आएगा और भोपाल में 200 एकड़ में नॉलेज सिटी बनाई जाएगी।
16 हजार करोड़ का निवेश, 64 हजार युवाओं को रोजगार
मध्य प्रदेश के इंदौर में गुरुवार को आयोजित इस टेक कॉन्क्लेव में निवेशकों का जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।
सीएम मोहन यादव ने निवेशकों से वन-टू-वन चर्चा करते हुए कहा – “यह कॉन्क्लेव सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश के विकास का घोषणा पत्र है।”
कार्यक्रम में कुल ₹15,896 करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए हैं, जो लागू होने पर 64,000 से अधिक युवाओं को सीधा रोजगार देंगे। सीएम ने इस मौके पर 22 तकनीकी और औद्योगिक इकाइयों का उद्घाटन किया, जिनमें ₹257 करोड़ का निवेश और 2,125 रोजगार सृजन हुआ। इसके साथ ₹1,346.75 करोड़ के चार नए प्रोजेक्ट्स की नींव रखी गई।
9 कंपनियों को भूमि आवंटन पत्र, 4 नए MoU पर हस्ताक्षर
सरकार की नीति के तहत निवेश को जमीन पर उतारने के प्रयास तेज़ कर दिए गए हैं।
इस कॉन्क्लेव में:
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9 कंपनियों को भूमि आवंटन पत्र सौंपे गए।
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4 MoU (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर हुए जिनका मूल्य ₹800 करोड़ है।
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इससे IT और टेक्नोलॉजी सेक्टर में 10,500 नए रोजगार सृजित होंगे।
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छोटे उद्योगों से भी ₹10.61 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।
इसके साथ ही कॉन्क्लेव में कुल ₹85.51 लाख करोड़ के MoU साइन किए गए, जो प्रदेश की औद्योगिक दिशा तय करेंगे।
Space Tech Policy और ‘Knowledge City’ की घोषणा
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव जी ने दो बड़े ऐलान किए —
१ – Space Tech Policy:
प्रदेश अब अंतरिक्ष व तकनीक के क्षेत्र में उड़ान भरने जा रहा है।
इसके तहत सैटेलाइट डेटा, रिमोट सेंसिंग, स्पेस स्टार्टअप्स और इनोवेशन को बढ़ावा दिया जाएगा।
२ – Knowledge City (भोपाल):
राजधानी भोपाल में 200 एकड़ में विश्वस्तरीय ‘Knowledge City’ विकसित की जाएगी,
जहां स्टार्टअप्स, शोध केंद्र और AI आधारित कंपनियां एक साथ काम करेंगी।
यह मप्र को AI Hub बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
सीएम मोहन जी ने कहा — “अब हमारा लक्ष्य सिर्फ उद्योग नहीं, बल्कि तकनीक, नवाचार और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनाना है।”
उज्जैन में बनेगा Deep Tech Center
सीएम ने बताया कि अब उज्जैन, इंदौर, देवास और धार को मिलाकर एक MetroTech Corridor विकसित किया जा रहा है। यहां एक Deep Tech Center स्थापित होगा, जहां AI, Data Analytics और Robotics जैसे विषयों पर शोध और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन मिलेगा।
इस प्रोजेक्ट को लेकर उन्होंने कहा — “मध्य प्रदेश को आने वाले 5 सालों में AI-driven State बनाना हमारा संकल्प है।”
Science City के लिए 45 एकड़ भूमि आवंटित
मध्य प्रदेश सरकार ने भोपाल में Science City प्रोजेक्ट के लिए 45 एकड़ जमीन आवंटित की है। यहाँ विज्ञान, नवाचार और तकनीकी विकास से जुड़ी अत्याधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। इस प्रोजेक्ट से युवाओं और विद्यार्थियों को आधुनिक शोध और स्टार्टअप के लिए एक साझा प्लेटफ़ॉर्म मिलेगा।
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के वादे ज़मीन पर
फरवरी 2025 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 99 निवेश प्रस्ताव आए थे, जिनमें ₹34,000 करोड़ का निवेश और 2 लाख रोजगार सृजन का लक्ष्य था। अब तक इनमें से ₹6,000 करोड़ का निवेश लागू हो चुका है और 50,000 से ज्यादा रोजगार पहले ही सृजित किए जा चुके हैं। कुल 27 प्रोजेक्ट जमीन पर उतर चुके हैं, जबकि 8 प्रोजेक्ट साइट विज़िट के स्तर पर हैं।
मेरा नजरिया और जनता क्या कहती है देखें
मध्य प्रदेश में यह टेक क्रांति सिर्फ उद्योग लगाने का नहीं, बल्कि भविष्य की अर्थव्यवस्था गढ़ने का संकेत है। AI, Robotics और Space Tech जैसी अवधारणाओं को अगर सरकार और निवेशक मिलकर लागू करते हैं, तो आने वाले 5 सालों में मप्र सिर्फ “हर्ट ऑफ इंडिया” नहीं, बल्कि “ब्रेन ऑफ इंडिया” कहलाएगा।
यह कॉन्क्लेव यह भी साबित करता है कि प्रदेश अब “रोजगार मांगने वाला राज्य” नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला राज्य बन रहा है।