NEET UG 2025 विवाद: इंदौर और उज्जैन में परीक्षा के दौरान बिजली गुल होने से 24 सेंटरों पर अव्यवस्था, हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद अगली तारीख 16 जून तय।
4 मई को इंदौर के 18 और उज्जैन के 6 परीक्षा केंद्रों पर NEET UG परीक्षा के दौरान बारिश के कारण बिजली गुल हो गई थी। इससे सेंटरों पर अव्यवस्था फैल गई और छात्रों का पेपर प्रभावित हुआ। इसको लेकर प्रभावित छात्रों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
अब तक कोर्ट में क्या हुआ?
5 जून को इस याचिका पर सुनवाई हुई थी, जिसके बाद कोर्ट ने 9 जून की तारीख दी। इस सुनवाई में याचिकाकर्ता और NTA दोनों की ओर से दलीलें पेश की गईं।
याचिकाकर्ता के वकील मृदल भटनागर ने कोर्ट में CCTV फुटेज और अन्य दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि NTA का यह दावा गलत है कि बिजली जाने से परीक्षा प्रभावित नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सेंटरों पर बत्ती गुल होने से छात्रों को असुविधा हुई और पेपर बिगड़ गया।
NTA का तर्क – केवल 75 छात्रों की वजह से अटका हज़ारों का रिजल्ट
NTA ने कोर्ट में कहा कि जिन 18 सेंटरों की बात हो रही है, वहां कुल 8790 छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे। इनमें से केवल 75 छात्रों ने पेपर प्रभावित होने की शिकायत की है। इन 75 छात्रों की याचिका के चलते बाकी हजारों छात्रों का रिजल्ट रुका हुआ है।
इसी वजह से NTA ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि याचिकाकर्ताओं को छोड़कर बाकी छात्रों का रिजल्ट जारी करने की अनुमति दी जाए।
कमेटी की रिपोर्ट – कोई फर्क नहीं पड़ा
NTA ने कोर्ट में कमेटी की एक रिपोर्ट भी पेश की। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बिजली गुल होने के बावजूद सभी छात्रों ने प्रश्नपत्र लगभग समान संख्या में अटेंप्ट किए हैं। इससे यह साबित होता है कि परीक्षा की गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ा।
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याचिकाकर्ता बोले – “एक-एक अंक की लड़ाई है”
छात्रों की ओर से कहा गया कि जब परीक्षा चल रही हो, तब किसी भी स्थिति में पेपर छोड़ना नहीं होता। ऐसे में उन्होंने अटेंप्ट तो किए, लेकिन पूरी एकाग्रता के साथ नहीं कर पाए। NEET जैसी परीक्षा में एक-एक अंक की अहमियत होती है और बिजली जाने जैसी घटनाएं स्कोर को प्रभावित कर सकती हैं।
अब आगे क्या होगा?
हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 16 जून को होगी। तब तक छात्रों को इंतज़ार करना होगा। कोर्ट यह भी स्पष्ट कर सकता है कि क्या याचिकाकर्ताओं के रिजल्ट को रोकते हुए बाकी सभी का रिजल्ट जारी किया जाएगा या नहीं।
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