उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने पीसीएस 2024 मुख्य परीक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने 259 अभ्यर्थियों के आवेदन रद्द कर दिए हैं, जिससे इन उम्मीदवारों के सपनों को झटका लगा है। परीक्षा में शामिल होने की उम्मीद लगाए बैठे इन छात्रों को अब 29 जून से शुरू होने वाली मुख्य परीक्षा में बैठने की इजाज़त नहीं दी जाएगी।
यह फैसला एकदम से नहीं आया — इसकी वजहें हैं और कुछ उम्मीदवारों को अपील का मौका भी दिया गया है। आयोग ने साफ कर दिया है कि 11 जून शाम 5 बजे तक अगर कोई अभ्यर्थी अपना पक्ष रखना चाहता है, तो वह खुद आकर या रजिस्टर्ड डाक से आवेदन भेज सकता है।
सबसे बड़ी वजह समय पर हार्ड कॉपी जमा न करना
इन 259 में से सबसे ज्यादा यानी 138 उम्मीदवारों के फॉर्म इसलिए रद्द हुए क्योंकि उन्होंने ऑनलाइन आवेदन तो किया था, लेकिन उसकी हार्ड कॉपी आयोग को 1 अप्रैल तक नहीं भेजी। यह एक तकनीकी चूक नहीं, बल्कि प्रक्रिया की अहम शर्त थी।
कई उम्मीदवारों ने यह मान लिया कि ऑनलाइन आवेदन ही काफी है, जबकि आयोग की स्पष्ट गाइडलाइन में हार्ड कॉपी की अंतिम तिथि भी साफ बताई गई थी। यह एक ऐसी गलती थी जिसने सैकड़ों होनहारों का मौका छीन लिया।
दूसरी बड़ी चूकें गलत साल और अधूरे डॉक्यूमेंट
कुछ मामलों में लापरवाही और गलतफहमी साफ दिखी।
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एक उम्मीदवार ने 2024 के बजाय गलती से 2023 का आवेदन पत्र भेज दिया।
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एक के पास इंटरमीडिएट का प्रमाणपत्र नहीं था।
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एक उम्मीदवार की जन्मतिथि हाईस्कूल प्रमाणपत्र से मेल नहीं खा रही थी।
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एक ने EWS कोटा में फॉर्म भरा, लेकिन OBC का प्रमाणपत्र लगा दिया।
इन मामलों से यह भी दिखता है कि सिर्फ मेहनत ही नहीं, आवेदन प्रक्रिया की बारीक समझ और सावधानी भी उतनी ही जरूरी है।
शैक्षणिक योग्यता और फॉर्मेट से जुड़ी गलतियां
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38 उम्मीदवार ऐसे थे जिनके पास उस पद की योग्यता ही नहीं थी जिसके लिए उन्होंने आवेदन किया था।
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25 अभ्यर्थियों ने सिर्फ दस्तावेज भेजे, लेकिन आयोग के निर्धारित आवेदन प्रारूप में फॉर्म नहीं भेजा।
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3 उम्मीदवारों ने आवश्यक योग्यता आवेदन की तिथि के बाद पूरी की थी — जो नियम के मुताबिक अमान्य है।
इन मामलों में एक आम भावना दिखती है — तैयारी तो थी, पर प्रक्रिया की बारीकी में चूक हो गई।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोटे में भी खामी
26 उम्मीदवारों ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्रेणी में आवेदन किया था लेकिन प्रमाणपत्र नहीं जोड़े। आयोग ने यह श्रेणी विशेष मान्यता के तहत बनाई है, लेकिन दस्तावेजों के बिना यह दावा खारिज कर दिया गया।
यह ना सिर्फ नियमों की अनदेखी है, बल्कि उन परिवारों की भावनाओं को भी आघात है जिन्होंने इस कोटे को अपनी पहचान माना था।
अपील की अंतिम तारीख और अगला चरण
आयोग ने कहा है कि 11 जून शाम 5 बजे तक अपील की जा सकती है — या तो रजिस्टर्ड डाक से या खुद उपस्थित होकर। इसके बाद कोई भी निवेदन मान्य नहीं होगा।
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मुख्य परीक्षा 29 जून से प्रस्तावित है। 947 पदों के लिए 15,066 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए चुना गया था। प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम 28 फरवरी को आया था और अब सबकी नज़र मुख्य परीक्षा पर है।
यूपी पीसीएस जैसी प्रतियोगी परीक्षा में सालों की मेहनत, परिवार की उम्मीदें और खुद पर यकीन सब कुछ दांव पर होता है। इस बार जिनके फॉर्म रद्द हुए हैं, उनके लिए यह सिर्फ एक प्रशासनिक खबर नहीं, बल्कि एक भावनात्मक झटका है।
लेकिन आयोग ने अपील का रास्ता छोड़ा है। यह आखिरी मौका है अपनी बात रखने का। इसलिए अगर आपके पास ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स हैं या कोई स्पष्ट कारण है, तो देरी मत कीजिए। यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई।
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